बढ़ती जनसंख्या के साथ भारतीय रेलवे भी लगातार अपने तकनीकि में बदलाव कर रहा है. देश का पहला हाइपरलूप ट्रैक बन कर तैयार हो चुका है. इससे 300 किमी की दूरी मात्र 30 मिनट में पूरा कर सकेंगे.

मोदी सरकार में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के पहले हाइपलूप टेस्ट ट्रैक तैयार होने की जानकारी साझा किया है. इसे आईआईटी मद्रास की सहायता से निर्मित गया है. यह 410 मीटर लंबा है. भारतीय रेल (Indian Railway) यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए नए नए तकनीकियों का सहारा के रही है. इंडियन रेलवे की एक और नई तकनीकी सामने आई है. दरअसल, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ाने के साथ ही अब देश का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक भी बन कर तैयार हो चुका है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इस Hyperloop Track को भारतीय रेलवे द्वारा आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के साथ मिलकर तैयार किया गया है.
410 मीटर लंबा है ये टेस्ट ट्रैक
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक को IIT मद्रास की सहायता से तैयार किया गया है जिसकी लंबाई 410 मीटर है. उन्होंने बताया कि ये हाइपरलूप ट्रैक प्रोजेक्ट भविष्य में रेल यातायात को और भी सरल और सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के व्यवसायीकरण के लिए आईआईटी मद्रास को तीसरा 1 मिलियन डॉलर का फंड दिया जाना है.
हाइपरलूप ट्रैक की ये है खासियत
Hyperloop Rail Track, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी होती है, जिसमें ट्रेन को एक खास तरह से तैयारी किए गए ट्यूब में हाई स्पीड में चलाया जाता है जो कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को तेज बनाने में सहायक साबित हो सकती है. देश के पहले हाइपरलूप रेल ट्रैक तैयार हो जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द इस पर ट्रेन ट्रायल भी शुरू होंगे. इससे यात्रा के दौरान लगने वाले समय की कटौती हो सकेगी.
600-1200 किमी/घंटा हो सकती है गति
वैक्यूम ट्यूब के अंदर चलने वाली इस हाइपरलूप ट्रेन की शुरुआत के साथ ही यह देश में परिवहन का पांचवां तथा अत्यधिक स्पीड वाला यातायात माध्यम होगा। इसकी गति 600-1200 किमी/घंटा तक हो सकती है. एक जानकारी के मुताबिक, इंडियन हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक को 600 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तर तक टेस्ट किए जाने की संभावना है। इस प्रकार, इसके माध्यम से 300 किलोमीटर की यात्रा सिर्फ 30 मिनट में तय की जा सकेगी. यह भारतीय यातायात के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा.